प्रेगनेंसी में उल्टियाँ- निदान Vomiting in Pregnancy- tips

प्रेगनेंसी की शुरुआत के साथ ही जी- मिचलाना और उल्टी आना एक आम लक्षण है।
इसके परिणाम स्वरूप भरपूर खाना लेने में असमर्थता हो सकती है और इसी के चलते दंपत्ति शिशु के विकास को लेकर अक्सर चिंतित होने लगते हैं।
निम्न जानकारी द्वारा आपकी इसी चिंता का निदान करने का प्रयास कर रहे हैं।

प्रेगनेंसी में उल्टियां क्यों होती है?
vomiting in pregnancy ka kya Karan hai?
यह गर्भावस्था के हारमोंस के बदलाव के कारण होता है। यह कोई रोग का लक्षण न होते हुए एक स्वस्थ गर्भावस्था का परिचायक है ।
उल्टियॉं कब तक होती हैं ?
Vomitings kab tak hoti hai?
आमतौर पर जी मचलाना 16 से 18 हफ्ते यानी कि चौथे महीने तक रहते हैं और उसके बाद कम होने लगते हैं ।

उल्टीयों से होने वाली कमजोरी को कैसे कम करें?
How to manage nausea and vomiting of pregnancy?
दिनचर्या को विशेष युक्तियों द्वारा साध कर कमजोरी को कम किया जा सकता है।अपने गाइनेकोलॉजिस्ट से मार्गदर्शन व दवाइयां लेकर भी इन लक्षणों को कम किया जा सकता है ।

जी मचलने पर क्या करना चाहिए?
Tips for nausea- vomitings of pregnancy-


निम्न सुझाव का पालन करने से अधिकतर महिलाओं को आराम होता है:

1* तरल पदार्थों को नियमित अंतराल में थोड़ी मात्रा में लेते रहे ।
नारियल पानी, नींबू पानी , दाल का पानी सूप, मिल्क शेक इनमें प्रमुख हैं ।
2* थोड़ी-थोड़ी मात्रा में सुपाच्य भोजन, विशेष रूप से उच्च कार्बोहाइड्रेट वाला लेने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।
रोटी सब्जी ,दही चावल ,दाल चावल सलाद ,इन में मदद कर सकते हैं ।
3* अपने साथ स्नैक्स के तौर पर चना, मूंगफली , बिस्किट , काजू या फिर मौसमी फल रख सकते हैं ।
4* ताजी व खुली हवा में रहे ।
5* नियमित प्राणायाम करें ।
6* स्वयं को रचनात्मक कार्यों में व्यस्त और मस्त रखें ।
7* अदरक वाली चीजे मुंह में चूसते रहने से भी आराम मिलता है।

जी मचलने पर क्या नहीं करना चाहिए ?
What to avoid in nausea and vomiting of pregnancy?

1-खाली पेट नहीं रहे ।
2-गरिष्ठ तीखा बासी भोजन न ले।
3-उल्टीयों को उत्तेजित करने वाले गंध और भोजन से बचें ।
4- गरम प्रकृति की चीज जैसे चाय, कॉफी कम से कम ले ।
5- भोजन के तुरंत बाद न लेटे।

क्या उल्टियां शिशु को प्रभावित कर सकती हैं?

पहली तिमाही में शिशु के पोषण की मांग कमतर होने से साधारणतः शिशु का विकास इससे प्रभावित होते नहीं देखा गया है ।
दिन में तीन -चार बार से अधिक उल्टियां बने रहने पर डॉक्टरी चिकित्सा अवश्य लेना चाहिए जिसे डिहाइड्रेशन का समय पर रोका जा सके।

सजगता से बेहतर जीवन शैली व उपरोक्त बदलाव से आप गर्भावस्था के इस लक्षण को एक खुशनुमा अनुभव बनाकर प्रेगनेंसी की यात्रा को सुखमय बना सकती हैं।


Dr. Hansali Neema Bhartiya MBBS, MD , DNB , FICOG, FMAS
19/9/2020

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