कोरोना वायरस की हमारे वातावरण और जीवन शैली पर दूरगामी प्रभाव डालने की प्रकृति जगजाहिर हो चुकी है। हम सब को यह समझना चाहिए कि अपने अंतरनिर्भर समाज में, लॉक डाउन के खुलने के बाद, बाहरी कामकाज में नई व विशेष किस्म की सतर्कता का पालन करना समय की आवश्यक मांग है ।
इसी के मद्देनजर चिकित्सकीय परामर्श के इच्छुक व्यक्ति जिस प्रकार, इस संक्रमण के फैलाव को न्यूनतम स्तर पर रख सकते हैं , उससे संबंधित अनुकरणीय जानकारी इस प्रकार है –
1- फोन पर अपॉइंटमेंट लेकर परामर्श समय तय करें, जिससे एक समय पर एक मरीज से मिलने की व्यवस्था बनाई जा सके।
2- समय तय करके फोन के माध्यम से ही निम्नलिखित जानकारी व्हाट्सएप या ईमेल पर शेयर करें-
a- परामर्श का ई पेमेंट
b- फाइल के सभी पेज की ई-कॉपी
c- कोरोना रिस्क संबंधित प्रश्नावली के उत्तर
d- कोरोना रिस्क संबंधित सहमति
e- मरीज के आधार कार्ड की कॉपी
यह प्रक्रिया व्यक्ति व वस्तु के माध्यम से संक्रमण के फैलाव को न्यूनतम रखने हेतु आप की सुरक्षा के लिए है ।
3- घर से मास्क पहनकर ही निकले। अपने साथी या विजिटर न्यूनतम रखें व यथासंभव परामर्श कक्ष में मरीज ही खाली हाथ प्रवेश करें ।
4- परामर्श के दौरान वैचारिक स्पष्टता से अपने जरूरी प्रश्न करें व इलाज समझे, जिससे क्लीनिक पर सीमित समय में ही आपके उद्देश्य पूर्ति के साथ स्वास्थ्य लाभ हो ।
5- चूंकि तमाम सावधानियों के बावजूद भी संक्रमण का खतरा शून्य के स्तर पर नहीं आ सकता है, अतः गैर आपातकालीन समस्या के लिए “टेलीकंसल्टेशन” हेतु चिकित्सक से फोन पर जानकारी लें।
रिपोर्ट संबंधित दोबारा चर्चा हेतु भी “तय समय” पर टेलीमेडिसिन द्वारा सामाजिक दूरी का पालन बेहतर और सुरक्षित चुनाव है ।
कोरोना संक्रमण के इस आपातकालीन दौर में यह सब का नैतिक दायित्व है कि हम परस्पर मिलकर संक्रमण स्तर को न्यूनतम बनाए रखने हेतु सजग, सतर्क और जिम्मेदार कदमों से आगे बढ़े।
साथ ही, चिकित्सक जो कि इस अदृश्य शत्रु की चुनौती का पहले मोर्चे के योद्धा की तरह सामना कर रहे हैं, उनके समय व सेवा को समयोचित मान देकर जिम्मेदार नागरिक की तरह राष्ट्रहित में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें।
Dr Hansali Neema Bhartiya
MD, DNB, FMAS, FICOG
9826088558
4/5/2020